सदस्य संदर्भ सेवा
सदस्य संदर्भ सेवा संसद सदस्यों को उनके द्वारा निर्धारित समयवधि में तथ्यपरक, उद्देश्यपरक एवं अद्यतन सूचना देती है। जिन विषयों पर सूचना दी जाती है वे विविधतापूर्ण होते हैं तथा उनमें राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय आयाम समाहित होते हैं। इन विषयों में प्रायः ऐसे मुद्दे शामिल होते हैं जिन्हें संसद में संसदीय व्यवस्था के तहत प्रश्नों और/या विधायी उपायों जैसे सरकारी विधेयकों या गैर-सरकारी सदस्यों के विधेयकों और संकल्पों के माध्यम से चर्चा/िवचार-विमर्श हेतु उठाया जाता है। किसी सदस्य को सूचना की आवश्यकता उसकी विधायक के रूप में बहुउद्देशीय कार्यात्मक भूमिका अर्थात् किसी संसदीय समिति या विदेश दौरे पर जाने वाले संसदीय शिष्टमंडल या किसी अंतरराष्ट्रीय संसदीय सम्मेलन/सेमिनार आदि में शिष्टमंडल के सदस्य के रूप में होती है। सत्रावधि के अतिरिक्त यह सेवा अंतरसत्रावधि में भी सदस्यों की सूचना संबंधी आवश्यकता को पूरा करती है।
(एक) संगठन
सदस्यों को अद्यतन और प्रमाणिक सूचना निर्धारित समय-सीमा के अन्दर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से सदस्य संदर्भ सेवा को इस समय विभिन्न विषय डेस्कों में विभाजित किया गया है। जैसे कृषि और उपभोक्ता मामले, ग्रामीण विकास, श्रम, रोजगार, आर्थिक एवं वित्तीय मामलें; उद्योग और निवेश; विधिक और संवैधानिक मामले, राजनैतिक और संसदीय मामले; सामाजिक मामले; सामाजिक कल्याण, अवसंरचना एवं ऊर्जा, मानव संसाधन विकास, अंतरराष्ट्रीय मामले और रक्षा तथा विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं संचार। प्रत्येक डेस्क का प्रभारी अधिकारी उसे आवंटित विषय से संबंधित जानकारी संगत ढंग से एकत्र करता है तथा उसे सदस्यों को संदर्भ टिप्पण, पृष्ठाधार टिप्पण, सूचना बुलेटिन तथ्य पत्र, अनुक्रमणिका श्रृंखला, संकलनों, सांख्यिकी विवरण इत्यादि के रूप में उपलब्ध कराता है। सेवा के दायित्व को इस प्रकार नियोजित किया जाता है ताकि सदस्यों की संदर्भ मांग को समय से पूरा किया जा सके।
(दो) सुविधाएं
सदस्य संदर्भ सेवा द्वारा दी गयी सुविधाएं मोटे तौर पर निम्नलिखित श्रेणियों के अंतर्गत आती है -
- प्रकाशित दस्तावेजों से सदस्यों को तत्काल संदर्भ उपलब्ध कराना,
- सदस्यों को लिखित मांग संदर्भों के उत्तर में नवीनतम संगत सामग्री, तथ्यात्मक आंकड़े सांख्यिकी, आदि का संकलन और जानकारी उपलब्ध कराना
- महत्वपूर्ण विषयों पर, संदर्भ टिप्पण तैयार करना
- महत्वपूर्ण विषयों पर पुस्तक सूची तैयार करना
- प्रासंगिक मुद्दों पर पृष्ठाधार टिप्पण, सूचना बुलेटिन, तथ्य पत्र और सूचना फोल्डर तैयार करना
- सदस्यों को सूचना संबंधी आवश्यकताओं के पूर्वानुमान के रूप में प्रासंगिक विषयों पर अध्ययन बॉक्सों का तैयार करना
- समय-समय पर विभिन्न नियमित प्रकाशनों को अद्यतन कर और उनका मुद्रण करना
(तीन) मांग पर विचार किया जाना
सदस्यों के संदर्भ की मांगों के उत्तर में एकत्रित की जाने वाली सामग्री का क्षेत्र सामान्यतः संसद के दोनों सदनों के समक्ष तत्काल कार्यों से संबंधित विषयों तक ही सीमित होता है। सदस्य लिखित मांग (रिक्वीजीशन) या तो संसद भवन स्थित सदस्य सहायता डेस्क अथवा संसदीय ज्ञानपीठ में सदस्य वाचनालय में स्थित डेस्क पर दे सकते हैं जिसमें उनके द्वारा वांछित विशिष्ट जानकारी का स्पष्ट और संक्षिप्त उल्लेख किया गया हो। उनके पास अपनी संदर्भ आवश्यकताओं को दूरभाष पर अथवा संदर्भ प्रभाग में सीधे अधिकारियों को भेज सकते हैं। सदस्यों की मौके पर ही सूचना संबंधी जरूरतों पर ध्यान देने तथा संदर्भ रिक्वीजीशनों को भरने में उनकी सहायता करने के लिए प्रत्येक सदस्य सहायता डेस्क पर एक अधिकारी उपलब्ध रहता है।
सदस्य संदर्भ सेवा सदस्यों की पसन्द के अनुसार अंग्रेजी और हिन्दी दोनों भाषाओं में उनकी सूचना संबंधी जरूरतों को पूरा करती है। सदस्यों द्वारा अपेक्षित सूचना प्रामाणिक सूत्रों से ली जाती है और टिप्पणों तथा सारणियों, जैसी भी स्थिति हो, के रूप में सूचना को एकत्र कर संपादन किया जाता है और संबंधित सदस्यों को उपलब्ध कराई जाती है।
(चार) निपटान किए गए कार्य का विवरण
(क) सदस्य संदर्भ सेवा की लोकप्रियता और उपयोगिता पिछले कुछ वर्षों के दौरान प्राप्त संदर्भ रिक्वीजीशनों की संख्या में हुई बेतहाशा वृद्धि और उनके निपटान से आंकी जा सकती है। 1950 में निपटाए गए 150 संदर्भों के मुकाबले वर्ष 1960 में 425, 1970 में 700, 1980 में 3627, 1990 में 5167, 2000 में 6508, 2010 के दौरान 6681, 2012 के दौरान 4900 ,2015 में 5596 और 2016 में 5291 संदर्भों पर सूचना प्रदान की गई।
(ख) संदर्भ सेवा द्वारा किए गए कार्य की सत्र-वार समीक्षा से पता चलता है कि 11वीं लोक सभा की सत्रावधि के दौरान प्रतिदिन औसतन 44 संदर्भ 12वीं लोक सभा के दौरान 53 संदर्भ और 13वीं लोक सभा के दौरान प्रतिदिन 57 संर्दी प्राप्त किए गए और निपटाए गए। 14वीं लोक सभा के दौरान प्रतिदिन औसतन 67 संदर्भ प्राप्त हुए और निपटाए गए जो इनकी संख्या में वृद्धि के रूझान को दर्शाता है। 14वीं लोक सभा के 8वें सत्र के दौरान प्रतिदिन 90 संदर्भों की औसत प्राप्ति रिकार्ड की गई। 15वीं लोक सभा के दौरान प्रतिदिन 55 संदर्भों की औसत प्राप्ति रिकार्ड की गई।
(ग) ग्यारहवीं, बारहवीं, तेरहवीं और चौदहवीं लोक सभा के दौरान प्राप्त संदर्भों के समय और निपटान (टाइम एंड मोशन) विश्लेषण से पता चलता है कि 56 प्रतिशत संदर्भ उसी दिन निपटान के लिए थे, 35 प्रतिशत की आवश्यकता दो-तीन दिनों के भीतर थी, 7 प्रतिशत चार-सात दिनों में निपटाए जाने के लिए थे और केवल 2 प्रतिशत सात दिनों से अधिक के लिए थे। जहां तक चौदवहीं लोक सभा का संबंध है, आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि औसतन 68 प्रतिशत संदर्भ उसी दिन निपटाए जाने के लिए थे, 29 प्रतिशत की आवश्यकता दो-तीन दिनों के भीतर थी, जबकि केवल 3 प्रतिशत चार दिनों से अधिक के लिए थे।
(घ) ग्यारहवीं, बारहवीं, तेरहवीं और चौदहवीं लोक सभा के दौरान प्राप्त संदर्भों के विषय-वार वर्गीकरण के विश्लेषण से पता चलता है कि कुल प्राप्त संदर्भों के 44 प्रतिशत संदर्भ आर्थिक और वित्तीय विषयों से संबंधित थे। उसके बाद 43 प्रतिशत संदर्भ राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों से संबंधित थे। शेष 13 प्रतिशत संदर्भ विधिक, संवैधानिक और संसदीय, (9 प्रतिशत) तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, रक्षा और अंतरराष्ट्रीय मामलों से संबंधित (4 प्रतिशत) थे। ऐसे ही रूझान चौदहवीं लोक सभा के प्रथम दस सत्रों के दौरान देखे गए हैं। अधिकांश संदर्भ आर्थिक और वित्तीय मामलों से संबंधित थे जो कुल संदर्भों के 46 प्रतिशत थे, 44 प्रतिशत राजनीतिक और सामाजिक मामलों से जबकि शेष 10 प्रतिशत विधिक, संवैधानिक और संसदीय मामलों से, (5 प्रतिशत) विज्ञान और प्रौद्योगिकी तथा रक्षा मामलों और अंतरराष्ट्रीय मामलों से (5 प्रतिशत) संबंधित थे।
(पांच) स्टडी बाक्स
विधेयकों अथवा उन अन्य विषयों जिन्हें संसद में चर्चा के लिए कार्य सूची में रखा जाता है, के बारे में सदस्यों की जानकारी देने के उद्देश्य से इन्हें सत्रावधि के दौरान इनको ग्रंथालय में स्ट्डी बक्सों में रखा जाता है और बुलेटिनों के माध्यम से उनके बारे में सदस्यों को जानकारी दी जाती है। संसद के समक्ष आने वाले विधेयकों और किसी अन्य विषय से संगत सभी पुस्तकें, प्रतिवेदन और अन्य दस्तावेज एकत्र किए जाते हैं और उन्हें एक साथ इन स्टडी बक्सों मे रखा जाता है। इन स्टडी-बक्सों मे रखा गया साहित्य तब तक बाहर ले जाने के लिए नहीं दिया जाता जब तक उस विषय पर या संबंधित विधेयक पर संसद में चर्चा समाप्त नहीं हो जाती लेकिन ग्रंथालय में ही अध्ययन और परामर्श के लिए इन्हें उपलब्ध कराया जाता है।
(छः) प्रकाशन
संदर्भ की दृष्टि से महत्वपूर्ण निम्नलिखित प्रकाशनों का समय-समय पर संकलन किया जाता है, अद्यतन बनाया जाता है और उनमें संशोधन किया जाता है
· राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों में राष्ट्रपति शासन (संशोधित और 2010 तक अद्यतन)
· मंत्रिपरिषद 1947 से (संशोधित और मार्च 2011 तक अद्यतन)
· भारतीय संसदः स्मारिका (प्रत्येक लोक सभा की अवधि के अन्त में प्रकाशित) (नवीनतम 14वीं लोक सभा)
· (1950-2014) राष्ट्रपति के अध्यादेश
· भारतः कुछ तथ्य
(सात) संदर्भ डेस्क
इसके अतिरिक्त, संदर्भ प्रभाग संसदीय ग्रंथालय के निकट सहयोग से संसदीय सम्मेलनों और सेमिनारों के दौरान शिष्टमंडलों के प्रतिनिधियों की सूचना संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एक संदर्भ डेस्क की स्थापना करता है। ऐसे सम्मेलनों के दौरान चयनित संसदीय प्रकाशन और संदर्भ पुस्तकें, वार्षिकी आदि सामान्य रूप से प्रदर्शनी हेतु रखे जाते हैं।