ग्रंथालय नियम
1. संसद ग्रंथालय संसद सदस्यों और लोक सभा तथा राज्य सभा दोनों के सचिवालयों के अधिकारियों के अनन्य उपयोग हेतु है। संग्रह के इष्टतम उपयोग के दृष्टिकोण से ग्रंथालय, प्रेस दीर्घा हेतु प्रत्यायित मीडियाकर्मियों, भारत और विदेशों के प्रामाणिक शोधार्थियों, सरकारी उद्देश्यों हेतु भारत सरकार, राज्य सरकारों, सरकारी उद्यमों और सांविधिक निकायों के अधिकारियों के लिए भी उपलब्ध है।
2. लोक सभा सदस्यों के निजी स्टाफ अथवा प्रामाणिक शोधार्थियों द्वारा अध्ययन के लिए संसद ग्रंथालय के उपयोग हेतु लोक सभा के महासचिव अथवा उनके द्वारा इस प्रयोजनार्थ नियुक्त किसी अधिकारी की लिखित अनुमति आवश्यक है। राज्य सभा के सदस्यों के मामले में राज्य सभा के महासचिव यह अनुमति प्रदान कर सकते हैं। महासचिव, लोक सभा या राज्य सभा, यथास्थिति, अनुमति प्रदान कर सकते हैं यदि वह इस बात से संतुष्ट हैं कि एक सदस्य के रूप में अपने कर्तव्यों के समुचित निर्वहन के लिए सहायतापरक जानकारी एकत्र करने के लिए सदस्य को वास्तव में किसी विशेष व्यक्ति की आवश्यकता है। तथापि, किए जाने वाले कार्य की प्रकृति के अनुसार, सीमित समय (तीन महीने से अधिक नहीं) के लिए पास जारी किए जा सकते हैं।
3. संसद सदस्यों के निजी सहायकों/निजी सचिवों को केवल एक सप्ताह के लिए ग्रंथालय सुविधा प्रदान की जाती है, सत्र के दौरान एक और सप्ताह हेतु इसका नवीनीकरण किया जा सकता है। तथापि, अंतर-सत्रावधि के दौरान ग्रंथालय पास एक महीने के लिए जारी किए जा सकते हैं। सदस्यों के निजी सहायकों/निजी सचिवों को संसदीय सूचना कार्यालय (पीएनओ) द्वारा सामान्य प्रवेश पत्र जारी किए जाते हैं और यह सुनिश्चित करने के लिए कि सदस्यों के केवल वास्तविक निजी सहायक/निजी सहायक ग्रंथालय का उपयोग करें, सुविधाएं सदस्यों के केवल उन्हीं निजी सहायकों/निजी सचिवों को दी जाती हैं जिनके पास संसदीय सूचना कार्यालय द्वारा जारी किए गए सामान्य प्रवेश पत्र होते हैं।
4. शोधार्थियों के मामले में, ग्रंथालय में अध्ययन करने की अनुमति हेतु आवेदन प्रपत्र को संबंधित विश्वविद्यालय/गाइड/संगठन द्वारा जारी पहचान के पत्र और एक वैध पहचान साक्ष्य के साथ प्रस्तुत किया जाना चाहिए। प्रथम बार के लिए पास संसद सुरक्षा सेवा से आवश्यक अनुमति प्राप्त होने के बाद एक माह के लिए जारी किया जाएगा। इस सुविधा को, उपयोगकर्त्ता से लिखित अनुरोध प्राप्त होने पर, मासिक आधार पर 3 महीनों तक बढ़ाया जा सकता है, बशर्ते कि ग्रंथालय प्रभारी यह प्रमाणित करे कि उसके द्वारा ग्रंथालय का गहन रूप से उपयोग किया जा रहा है। इसमें असफल रहने पर विस्तार नहीं दिया जाएगा।
5. जिन शोधार्थियों को संसदीय रूचि के विषयों के संबंध में लोक सभा सचिवालय द्वारा अध्येतावृत्ति दी गई है उन्हें उनकी अध्येतावृत्ति से संबंधित संसदीय वाद-विवादों और अन्य संबंधित दस्तावेजों का अवलोकन करने के लिए संसद ग्रंथालय में प्रवेश के लिए संसदीय अध्ययन और प्रशिक्षण ब्यूरो (बीपीएसटी) के विशेष अनुरोध पर सत्र के साथ-साथ अंतर सत्रावधि के समय संसद ग्रंथालय में प्रवेश दिया जा सकता है।
(4) और (5) में उल्लिखित मामलों में ग्रंथालय के उपयोग की अनुमति निम्नलिखित शर्तों के अध्यधीन होगी
(एक) किसी भी पुस्तक, पत्रिका अथवा अन्य दस्तावेज को ग्रंथालय से बाहर नहीं ले जाया जाएगा और कोई भी व्यक्ति स्टैक रूम में, अथवा अलमारी, रैक और पुस्तकों की दराजों में पुस्तकों आदि से छेड़छाड़ नहीं करेगा। जरूरत की पुस्तकें ग्रंथालय स्टॉफ द्वारा दी जाएंगी और संसद ग्रंथालय छोड़ने से पहले इन्हें वापिस करना होगा।
(दो) संसद ग्रंथालय की किसी पुस्तक, रिपोर्ट,रिकॉर्ड आदि को अवलोकन हेतु भी जारी करने अथवा अपने पास रखने देने का विवेकाधिकार ग्रंथालय के प्रभारी संयुक्त निदेशक का होगा।
(तीन)किसी प्रकार की लिपिकीय अथवा टंकण सुविधा उपलब्ध नहीं कराई जाएगी।
(चार) अध्ययन के समय का निर्धारण संबंधित संयुक्त निदेशक द्वारा किया जाएगा।
6. प्रेस दीर्घा के लिए मान्यताप्राप्त प्रेस संवाददाताओं को भी उपरोक्त नियम 2 के अंतर्गत सदस्यों के व्यक्तिगत स्टॉफ और शोधार्थियों के लिए यथा लागू समान शर्तों के अध्यधीन ग्रंथालय सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।
7. संसद के पूर्व सदस्य लोक सभा की बिल और भुगतान शाखा में 500/- रुपये की राशि जमा कर ग्रंथालय से पुस्तकें ले सकते हैं।
8. ग्रंथालय अंतर-सत्रावधि के दौरान सभी कार्य दिवसों में 1000 बजे से 1800 बजे तक खुला रहेगा। सत्र की अवधि के दौरान, ग्रंथालय 0900 बजे से 1900 बजे तक अथवा दोनों सभाओं के उठने/स्थगन के आधे घंटे बाद, जो भी बाद में हो, तक खुला रहेगा। सत्र की अवधि के दौरान ग्रंथालय तीन राष्ट्रीय अवकाशों और होली को छोड़कर शनिवार, रविवार और अन्य राजकीय अवकाशों के दौरान भी 1000 बजे से 1400 बजे तक खुला रहेगा।
9. पुस्तकों और अन्य प्रकाशनों को जारी करने हेतु सभी मांगें निर्धारित प्रपत्र पर की जाएंगी। प्रत्येक प्रपत्र पर एक से अधिक पुस्तक/प्रकाशन की प्रविष्टि नहीं की जाएगी।
10. सामान्यतः एक सदस्य को एक समय में दो से अनधिक पुस्तकें और दो अन्य प्रकाशन ( एक पुस्तक या अन्य प्रकाशन के खण्डों सहित ) उधार पर दी जायेगी।
11. (क) सत्र की समाप्ति पर, सदस्य द्वारा स्टेशन छोड़ने से पूर्व उधार पर ली गई पुस्तकें और अन्य प्रकाशनों को संसद ग्रंथालय में वापस करना होगा। दिल्ली में रहने वाले सदस्य संसद ग्रंथालय का प्रयोग सामान्य रूप से करते रहेंगे।
(ख) कोई भी सदस्य ग्रंथालय से उधार ली गई किसी पुस्तक या किसी अन्य प्रकाशन को दिल्ली से बाहर नहीं ले जा सकता।
12. (क) संसद से सत्रों के दौरान, सदस्य संसद ग्रंथालय से उधार ली गई पुस्तकें और अन्य प्रकाशन पंद्रह दिन से अधिक अपने पास नहीं रख सकते परन्तु यदि इसके नवीकरण हेतु अग्रिम आवेदन किया जाता है और अन्य सदस्यों द्वारा इसकी माँग नहीं की जाती है तो इस अवधि को सात दिनों के लिए बढ़ाया जा सकता है।
(ख) जब संसद का सत्र न चल रहा हो तो सदस्य, पुस्तकों और अन्य प्रकाशनों को अधिकतम 30 दिन की अवधि तक अपने पास रख सकते हैं।
13. यदि किसी महत्वपूर्ण या अत्यावश्यक कार्य के लिए, उधार पर ली गई पुस्तक/ प्रकाशन की जरुरत पड़ती है, तो उसे किसी भी समय वापस लौटाने को कहा जा सकता है और सदस्य द्वारा उस पुस्तक/ प्रकाशन को 24 घंटे के भीतर वापस करना होगा।
14. किसी सदस्य को एक ऐसी पुस्तक या अन्य प्रकाशन की आवश्यकता है जो किसी अन्य सदस्य को जारी की जा चुकी हो, तो वह उसे परिचालन पटल पर अपने लिए आरक्षित करा सकता है और ऐसी पुस्तक/प्रकाशन के ग्रंथालय में वापस आने के बाद प्राथमिकता क्रम के अनुसार यथाशीघ्र सदस्य को जारी कर दी जायेगी।
15. (क) किसी भी स्थिति में, सदस्य, कोई पुस्तक या अन्य प्रकाशन, सत्र के दौरान 15 दिन से अधिक या सत्र नहीं होने की अवधि के दौरान 30 दिन से अधिक अपने पास नहीं रखेगा। किसी सदस्य को तब तक कोई अतिरिव्त पुस्तक या कोई अन्य प्रकाशन जारी नहीं किया जायेगा जब तक कि वह उसे पहले जारी की गई पुस्तक/प्रकाशन संसद ग्रंथालय को वापस न कर दे। यदि उन पुस्तकों की संसद ग्रंथालय के अन्य उपयोगकर्ताओं द्वारा माँग नहीं की गई हो तो वे पुस्तकें उसे पुनः जारी की जा सकती है। इसके लिए, पुस्तक परिचालन पटल पर व्यक्तिगत रुप से पुस्तकों को वापस करना होगा और एक सप्ताह के पश्चात पुनः जारी कराना होगा।
(ख) सदस्यों द्वारा मांगी गई पुस्तकें/प्रतिवेदन/प्रकाशनों को परिचालन पटल पर उनके लिए केवल दो सप्ताह के लिए ही रखा जायेगा। यदि इसे बढ़ाने के लिए नहीं कहा जाता है तो दो सप्ताह की अवधि समाप्त होने के बाद इन पुस्तकों/प्रतिवेदनों/प्रकाशनों को पुनः शेल्फों पर रख दिया जायेगा।
16. यदि निर्धारित तिथि की समाप्ति के बाद, कोई पुस्तक या अन्य प्रकाशन, संसद ग्रंथालय को वापस नहीं किया जाता है तो इसे खो गया माना जायेगा और संबंधित सदस्य से इसकी कीमत वसूलने के लिए निम्नलिखित प्रकार से कदम उठाए जायेंगे :-
क्र. सं. |
प्रकाशन |
वसूल की जाने वाली कीमत |
(i) |
पिछले पांच वर्षों के दौरान छपी भारतीय पुस्तक/प्रकाशन |
मूल कीमत का दो गुना |
(ii) |
पांच वर्ष से पहले की छपी भारतीय पुस्तक/प्रकाशन |
मूल कीमत का तीन गुना |
(iii) |
पिछले पांच वर्षों के दौरान छपे विदेशी प्रकाशन |
मूल कीमत का दो गुना |
(iv) |
पांच वर्ष से पहले छपे विदेशी प्रकाशन |
मूल कीमत का तीन गुना |
(v) |
विदेशी प्रकाशन, जो अब नहीं छापे जाते |
मूल कीमत का पांच गुना |
(vi) |
भारतीय पुस्तक/प्रकाशन, जो अब नहीं छापे जाते |
मूल कीमत का पांच गुना |
(vii) |
भारतीय या विदेशी प्रकाशन, जिसकी कीमत उपलब्ध नहीं है। |
एक रूपये प्रति पृष्ठ |
17. विश्वकोश, शब्दकोष, निर्देशिकाएँ, वार्षिकियां, मानचित्रावलियां, पत्रिकाएं (नए एवं पुराने अंक), कला, चित्रकारी संबंधी पुस्तकें, और अन्य सचित्र पुस्तकें, दुर्लभ पुस्तकें, अब न छपने वाली पुस्तकें, सन्दर्भ पुस्तकें, समाचार पत्र (वर्तमान और पिछले अंक), प्रेस कतरन फ़ोल्डर्स (नए और पुराने), क्षतिग्रस्त और जीर्ण-शीर्ण अवस्था वाले धारावाहिक, प्रतिवेदन और पुस्तकें जारी नहीं की जाएगी। ऐसी पुस्तकें/ प्रकाशन/फ़ोल्डर्स संसद ग्रंथालय परिसर में ही संदर्भ हेतु उपलब्ध रहेंगी।
18. कोई भी नयी पुस्तक या अन्य प्रकाशन, एक सप्ताह तक "नवीनतम पुस्तक/प्रकाशन" नाम से चिन्हित एक अलग शेल्फ में प्रदर्शित करने के बाद ही सदस्यों को जारी किये जायेंगे।
19. पुस्तक या अन्य प्रकाशनों पर किसी प्रकार का निशान लगाना, रेखांकित करना या लिखना सख्त मना है।
20. कोई भी विधेयक या संकल्प या कोई अन्य विषय, जो संसद में विचाराधीन हो या संसद के समक्ष प्रस्तुत किया जाने वाला हो, से संबंधित प्रकाशनों को तब तक जारी नहीं किया जायेगा जब तक वह संसद के समक्ष विचाराधीन है।
21. पुस्तकें या अन्य प्रकाशन, जब से जारी किए जाते हैं, तब से उसे संसद ग्रंथालय को वापस करने तक, की अवधि में उनके समुचित रखरखाव के लिए पुस्तक लेने वाला उत्तरदायी होगा, और किसी प्रकार की क्षति होने या खो जाने की स्थिति में, पुस्तक लेने वाले को या तो उस पुस्तक/प्रकाशन के बदले वैसा ही दूसरा पुस्तक/प्रकाशन देना होगा या इस नियमों में निर्धारित दर से उसकी प्रतिस्थापना कीमत चुकानी होगी।
22. संसद सदस्यों को पुस्तकें/प्रकाशन जारी करने और प्राप्ति के लिए संसद ग्रंथालय के परिचालन पटल पर पास बुक रखी जायेगी। जब, सदस्य को कोई पुस्तक/प्रकाशन जारी किया जायेगा तो वह पुस्तक/प्रकाशन की प्राप्ति के प्रमाण के रूप में, पास बुक के संबंधित कॉलम में हस्ताक्षर करेगा। पुस्तक/प्रकाशनों की वापसी के दौरान, परिचालन पटल पर डय़ूटी पर तैनात ग्रंथालय कर्मी पुस्तक/प्रकाशन की प्राप्ति के प्रमाण के रुप में पास बुक में हस्ताक्षर करेगा।
23. ऐसी स्थिति में, जब एक सदस्य संसद ग्रंथालय में व्यक्तिगत रुप से आने में असमर्थ हो, तो वह निर्धारित प्रारूप में एक प्राधिकार पत्र देकर अपने निजी सचिव/निजी सहायक के माध्यम से पुस्तक उधार ले सकता है। तथापि, पुस्तकों की सुरक्षा और उनकी वापसी के लिए सदस्य ही उत्तरदायी होगा।
24. संसद ग्रंथालय के उपयोगकर्त्ता ग्रंथालय परिसर में बिल्कुल शांत रहेंगे।
25. संसद ग्रंथालय के किसी भी भाग में धूम्रपान करना और अध्ययन कक्षों में भोजन/जलपान करना सख्त मना है।
26. संसद ग्रंथालय के किसी भी खण्ड में, किसी अपरिचित व्यक्ति को प्रवेश की अनुमति केवल तभी होगी जब वह सदस्य या संसद के किसी अधिकारी के साथ होगा।
27. परिचालन पटल पर उपलब्ध एक निर्धारित प्रपत्र पर नयी पुस्तकों, पत्रिकाओं और समाचार पत्रों को क्रय करने के सुझाव दिये जा सकेगें।
28. संसद ग्रंथालय परिसर में प्रवेश संबंधी नियम समय समय पर जारी ऐसे आदेशों और अनुदेशों के अध्यधीन होगें।