कल्याण
शाखा
परिचय
और कार्य
इस शाखा का प्रमुख
कार्य संसद
सदस्यों, उनके
परिवार के
सदस्यों और
लोक सभा
सचिवालय के
अधिकारियों
तथा
कर्मचारियों
को शीघ्र,
प्रभावी और
दक्षतापूर्ण
चिकित्सा
सहायता प्रदान
करना है ।
सीजीएचएस
मान्यता
प्राप्त अस्पतालों
में
उपचार/नैदानिक
जांच हेतु प्रत्याशित
अनुमति, संसद
सदस्यों
द्वारा
आपातकालीन
स्थिति के दौरान
सीजीएचएस
मान्यता
प्राप्त
अस्पतालों/केंद्रों
अथवा निजी
अस्पतालों
में कराए गए
उपचार हेतु
कार्योत्तर
अनुमति
प्रदान करना
भी शाखा का
मुख्य कार्य
है ।
शिकायत
निवारण समिति, अनुकंपा
निधि समिति, कर्मचारी
कल्याण निधि
समिति, मेधावी
छात्र पुरस्कार
समिति, छात्रवृत्ति
समिति आदि को
सचिवालय
सहायता उपलब्ध
कराने, अधिकारी
मंच की बैठकों, विदाई
समारोहों,
शोक सभाओं, नववर्ष मिलन
समारोह, सांस्कृतिक
समारोहों, स्वास्थ्य
शिविरों का
आयोजन करने, गृह
मंत्रालय
हेतु वेलीडेशन
स्लिप जारी
करने,
माननीय
अध्यक्ष की ओर
से गण्यमान्य
व्यक्तियों
को जन्मदिन की
शुभकामनाएं
देने, कर्मचारी
कल्याण निधि
से वित्तीय सहायता
प्रदान करने,
अधिकारी
मंच, कर्मचारी
कल्याण निधि,
अनुकंपा निधि,
छात्रवृत्ति
निधि, मेधावी
छात्र पुरस्कार
निधि आदि के
लेखों का
प्रबंधन करने संबंधी
अन्य
महत्वपूर्ण
कार्य शाखा
द्वारा ही किए
जाते हैं । मेधावी
छात्र पुरस्कार
हेतु प्रशस्तिपत्र
और मेडल तैयार
करना, किन्हीं
प्राकृतिक
आपदाओं के
घटित होने पर
ऐसी आपदाओं से
प्रभावित
व्यक्तियों
को राहत पहुंचाने
के लिए संसद
सदस्यों और
सचिवालय के
अधिकारियों/
कर्मचारियों
से दान राशि
एकत्र करना
तथा इसे प्रधानमंत्री
राष्ट्रीय
राहत कोष/प्राइम
मिनिस्टर
सिटीज़न असिस्टेंस
एंड रिलीफ
इन एमरजेंसी
सिचुएशन फंड (पीएम केयर्स
फंड) अथवा
संबंधित
राज्य सरकारों
को भेजना भी
शाखा का एक
महत्वपूर्ण
कार्य है ।
सचिवालय
के
कर्मचारियों
से प्राप्त शिकायतों
को भी उनके निवारण
हेतु
सिविल/पुलिस
अधिकारियों
को भेजा जाता
है । सचिवालय
के पूर्व
अधिकारियों
से देय शुल्क
प्राप्त कर
अधिकारी मंच
में उनका
नामांकन करने
और उन्हें
इसकी लिखित
में सूचना
देने के साथ
ही पास जारी
करने हेतु
उनके अनुरोध
को ‘सीपीआइसी’ को भेजने
तथा सचिवालय
के
अधिकारियों
/कर्मचारियों
हेतु विभिन्न
स्थानों पर
हॉलिडे होम्स
की बुकिंग
करने संबंधी
कार्य भी शाखा
द्वारा किया
जाता है ।
संसद
सदस्यों के
लिए चिकित्सा
सुविधाएं
कल्याण
शाखा ‘आवश्यकता
के समय’
संसद सदस्यों
को चिकित्सीय सहायता
उपलब्ध कराती
है । यह शाखा सदस्यों/उनके
आश्रितों
द्वारा कराए
जाने वाले/कराए
जा चुके उपचार
हेतु सदस्यों
को प्रत्याशित
और
कार्योत्तर
अनुमति भी
प्रदान करती
है ।
1. सीजीएचएस
कार्ड हेतु
आवेदन करना
i) इंडेक्स
कार्ड कल्याण
शाखा से
प्राप्त किए जा
सकते हैं ।
(यदि किसी
अन्य व्यक्ति
द्वारा
इंडेक्स
कार्ड प्राप्त
किया जाना हो, तो निजी
सहायक का
पहचान पत्र
अथवा
प्राधिकार पत्र
अनिवार्य है)
।
ii) तत्पश्चात, समुचित रूप से
भरे गए (स्वयं
और आश्रितों
के नाम, जन्म
तिथि और सदस्य
के साथ संबंध
सहित) और सदस्य
द्वारा
हस्ताक्षर
किए गए
इंडेक्स
कार्ड को 6x4 सेंटीमीटर
के आकार के
समूह
फोटोग्राफ
(स्वयं और
आश्रित) की 4 प्रतियों के
साथ कल्याण
शाखा में जमा
कराना होता है
।
iii) समुचित रूप से
भरे गए
इंडेक्स
कार्ड को जमा
कराने के 4 दिन
के अंदर
सीजीएचएस
कार्ड कल्याण
शाखा से प्राप्त
किया जा सकता
है । (यदि किसी
अन्य व्यक्ति
द्वारा
सीजीएचएस कार्ड
प्राप्त किया
जाना हो,
तो निजी सहायक
का पहचान पत्र
अथवा
प्राधिकार पत्र
अनिवार्य है)
।
आश्रितों
में
निम्नलिखित
सम्मिलित
हैं:-
पति/पत्नी
आश्रित
पिता, माता/सौतेली माता
(केवल तभी, यदि
वे पेंशन भोगी
न हों)
पुत्री
(जब तक वह आय
अर्जित करना
शुरू न करे
अथवा उसका
विवाह न हो, जो भी पहले हो,
इस मामले में कोई
आयु
सीमा नहीं,)
पुत्र
(जब तक वह आय
अर्जित करना
शुरू न करें
अथवा 25 वर्ष
की आयु होने
तक, जो भी पहले हो); पुत्र
(किसी भी
प्रकार
(शारीरिक/मानसिक)
की स्थायी निशक्तता
से पीड़ित, कोई
आयु सीमा
नहीं)
आश्रित
अविवाहित/ तलाकशुदा/ परित्यक्त,/अपने पति से
अलग हुई विधवा
पुत्रियां/बहनें
(कोई
आयु सीमा
नहीं)
आश्रित
अवयस्क भाई, वयस्क होने
की आयु तक ।
2. किसी
सरकारी/
सीजीएचएस
चिकित्सक की
सिफारिश पर
क्रेडिट आधार
पर पैथोलॉजिकल
जांच/ उपचार
हेतु अनुमति
यदि
कोई सदस्य
अथवा उसका कोई
आश्रित किसी
सरकारी
चिकित्सक से
स्वयं का
परीक्षण
कराता है, जो आगे
उपचार हेतु
उसे किसी
सीजीएचएस
अनुमोदित
केंद्र से
कतिपय जांच
कराने की सलाह
देता है अथवा
रेफर करता है,
तो वह
सीजीएचएस
पैनल में शामिल
किसी भी
केंद्र से
क्रेडिट आधार
पर अपनी जांच/उपचार
कराने के लिए प्रत्याशित/पूर्व
अनुमति
प्राप्त करने
हेतु कल्याण
शाखा से
संपर्क कर
सकता है । इस
उद्देश्य
हेतु निम्नलिखित
दस्तावेज
आवश्यक है:
i) सदस्य
द्वारा अपने
लैटर हेड पर
पत्र, जिसमें
जांच और उस
नैदानिक केंद्र
के नाम का
उल्लेख हो,
जहां वह जांच
कराना
चाहता/चाहती
है ।
ii)
सरकारी/सीजीएचएस
चिकित्सक की
परामर्श पर्ची
iii) सीजीएचएस
कार्ड की
प्रति
इसे
कल्याण शाखा
से उसी दिन
प्राप्त किया
जा सकता है।
यह
सलाह दी जाती
है कि सदस्य
प्राथमिक
जांच कराने के
लिए पहले चिकित्सा
केंद्र, संसदीय
सौध से
परामर्श कर
सकते हैं ।
3. कार्योत्तर
चिकित्सीय
अनुमति
यदि
कोई सदस्य
अथवा उसका कोई
आश्रित
सचिवालय से
पूर्व अनुमति
प्राप्त किए
बिना किसी
निजी अस्पताल
में उपचार
कराता है, तो वे
कल्याण शाखा
में
निम्नलिखित
दस्तावेज प्रस्तुत
कर उपचार पर
हुए
चिकित्सकीय
व्यय की
प्रतिपूर्ति
का दावा कर
सकते हैं:-
i) महासचिव
को संबोधित
पत्र, जिसमें
वास्तविक
राशि का
उल्लेख करने
के साथ ही
उपचार के बारे
में
संक्षिप्त
जानकारी दी गई
हो
ii) समुचित रूप
से भरा गया और
सदस्य द्वारा
हस्ताक्षरित
मेडिकल-2004 प्रपत्र
iii) सभी मूल
बिल/कैश मेमो
iv) उपचार करने
वाले
चिकित्सक की
सभी परामर्श
पर्चियों की
मूल प्रति
v) डिस्चार्ज
प्रमाण पत्र/
सार की प्रति
vi) सीजीएचएस
कार्ड की फोटोकॉपी
vii) निजी
अस्पताल में
उपचार करने
वाले
चिकित्सक द्वारा
आपातकालीन
प्रमाण-पत्र
अनिवार्य है
viii) सभी
दस्तावेजों, अर्थात
चिकित्सा
दावा प्रपत्र,
परामर्श
पर्चियां,
समेकित बिल, अलग-अलग ब्यौरा,
डिस्चार्ज सम्मरी,
रसीदें, सीजीएचएस
कार्ड की फोटोकॉपी,
आदि, की
दो प्रतियां
कल्याण शाखा, लोक सभा
सचिवालय, संसदीय
सौध, डाकघर
के पीछे, दूरभाष
संख्या 23034515, 23034611, 23035646 को प्रस्तुत
किए जा सकते
हैं ।
लोकसभा
सचिवालय के
अधिकारियों
/कर्मचारियों
हेतु
चिकित्सा
सुविधाएं
लोक
सभा सचिवालय
के
अधिकारियों/कर्मचरियों
को प्रशासन
शाखा – दो
द्वारा
सीजीएचएस
कार्ड जारी
किये जाते हैं
। तथापि,
जहां
सीजीएचएस
सुविधा
उपलब्ध नहीं
है, वहां
के
अधिकारियों/कर्मचारियों
हेतु कल्याण
शाखा द्वारा ए.एम.ए.
नियुक्त किए
जाते हैं ।
सीजीएचएस
लाभार्थियों
और एएमए
लाभार्थियों
हेतु, पैनल
में शामिल
निजी
अस्पतालों में
उपचार, चिकित्सा
जांच हेतु
अनुमति और
आपातकालीन स्थिति
में कराए गए
उपचार के
मामले में
कार्योत्तर
अनुमति
कल्याण शाखा
द्वारा
प्रदान की जाती
है । क्रेडिट
सुविधा और
चिकित्सा
अग्रिम संबंधी
आवेदनों पर
कार्यवाही भी
कल्याण शाखा द्वारा
की जाती है।
1
एएमए हेतु आवेदन
जो
क्षेत्र
सीजीएचएस के
अंतर्गत नहीं
आते हैं,
वहाँ पर एएमए
सुविधाएं
प्रदान की
जाती हैं। ऐसे
अधिकारी/कर्मचारी
निम्नलिखित
दस्तावेजों
के साथ कल्याण
शाखा में
आवेदन कर सकते
हैं :-
i) प्र.शा. -II/पी.ए.(एमजी) शाखा
द्वारा विधिवत
रूप से हस्ताक्षरित
प्रपत्र
(इंट्रानेट पर
उपलब्ध)।
ii) एएमए हेतु
जारी पिछले प्राधिकार
पत्र की
प्रति।
iii) नवीनतम वेतन
पर्ची।
iv) 2
ग्रुप
फोटोग्राफ (स्वयं
और आश्रित का ) 6x4
सेमी आकार का ।
प्राधिकार पत्र 4
कार्य दिवस के
बाद प्राप्त
किया जा सकता
है ।
2. निजी अस्पताल
में नैदानिक
जाँच /उपचार
की अनुमति (एएमए
सुविधा
प्राप्त करना)
एएमए
लाभार्थियों
को उपचार के
साथ-साथ सभी
नैदानिक
जाँचों
के लिए आवेदन
करने की आवश्यकता
होती
है ।
निम्नलिखित
दस्तावेजों के साथ
कल्याण शाखा
में आवेदन
करें:
i) चिकित्सा
उपचार /
नैदानिक जाँच
हेतु अनुमति के
लिए भरा हुआ आवश्यक
प्रपत्र (इंट्रानेट
पर '
डाउनलोड ऑफिस
फॉर्म्स ' लिंक
में उपलब्ध)
ii) एएमए
द्वारा जारी परामर्श
(प्रिस्क्रिप्शन)
पर्ची की
प्रति ।
iii) अधिकृत
मेडिकल
अटेंडेंट
(एएमएम)के
प्राधिकार
पत्र /
एएमए कार्ड की
प्रति ।
iv) नवीनतम
वेतन पर्ची की
प्रति ।
अनुमति
पत्र 4 कार्य
दिवस के भीतर
प्राप्त किया
जा सकता है ।
3.
अधिकारियों /
कर्मचारियों
के लिए
सीजीएचएस के
पैनल में
शामिल निजी
अस्पताल में
उपचार की
अनुमति
निम्नलिखित
दस्तावेजों के साथ
कल्याण शाखा
में आवेदन
करें:
i) चिकित्सा
उपचार हेतु
अनुमति के लिए
विधिवत् रूप
से भरा हुआ
आवश्यक
प्रपत्र (इंट्रानेट
पर '
डाउनलोड ऑफिस
फॉर्म्स ' लिंक
में उपलब्ध)
ii) सीजीएचएस
के पैनल में
शामिल
अस्पताल के
लिए रेफर करने
के लिए दी गई प्रिस्क्रिप्शन
पर्ची की
प्रति
iii) अधिकारी /
कर्मचारी और
संबंधित
आश्रित के
सीजीएचएस
कार्ड की
प्रति
iv) नवीनतम वेतन
पर्ची की
प्रति
अनुमति
पत्र 4 कार्य
दिवस के भीतर
प्राप्त किया
जा सकता है।
यह उल्लेखनीय
है कि
सीजीएचएस
लाभार्थियों
को
नैदानिक
जाँच हेतु
अनुमति
प्राप्त करने की
आवश्यकता
नहीं है । हालांकि, असूचीबद्ध
नैदानिक
जाँचों
के लिए अनुमति
की आवश्यकता
है।
इसके अलावा,
सभी
नैदानिक
जाँच
एक महीने की
अवधि के भीतर
ही की
जानी चाहिए ।
4. सीजीएचएस
और एएमए
लाभार्थियों
हेतु चिकित्सा
उपचार
(आपातकालीन
स्थिति में
लिया गया उपचार)
के लिए
कार्योत्तर
अनुमति
निम्नलिखित
दस्तावेजों
के साथ कल्याण
शाखा में
आवेदन करें:
i) कवरिंग नोट
में अधिकारी /
कर्मचारी का नाम,
आश्रित का
नाम (यदि अपेक्षित
हो), आपातकालीन
उपचार का कारण,
अस्पताल का
नाम, अस्पताल
में भर्ती और
अस्पताल से
छुट्टी (डिस्चार्ज)
की तारीख और
बिल की कुल राशि
का उल्लेख हो
।
ii) जहाँ भी
आवश्यक हो, आश्रित के
सीजीएचएस
कार्ड सहित
अधिकारी / कर्मचारी
के सीजीएचएस
कार्ड या एएमए
कार्ड /पत्र की
प्रति ।
iii) आपातकालीन
प्रमाणपत्र
की प्रति ।
iv)’ डिस्चार्ज
समरी’ की
प्रति।
v) समेकित बिल
की प्रति और
बिल का
अलग-अलग विवरण
।
कर्मचारी
कल्याण
निधि
(एसबीएफ)
कर्मचारी
कल्याण
निधि की स्थापना
ऐसे
कर्मचारियों
को वित्तीय
सहायता
प्रदान करने
के उद्देश्य
से की गई है, जिन्हें कुछ
अप्रत्याशित
परिस्थितियों
या लंबी
बीमारी के
कारण ऐसी
सहायता की
आवश्यकता है।
सदस्यता के
लिए पात्रता:
सेशनल
कर्मचारियों
के अलावा, लोक सभा
सचिवालय के
सभी अधिकारी /
कर्मचारी, चाहे
स्थायी हों या
अस्थायी, इस
निधि के सदस्य
हैं।
लोक सभा
सचिवालय का
कर्मचारी
नहीं रह जाने
पर उस व्यक्ति
की निधि की
सदस्यता
समाप्त हो
जाती है। अंशदान
हर वर्ष
जनवरी के महीने
में लिया जाता
है।
लोक सभा
सचिवालय,इस
प्रकार एकत्र
किए गए अंशदान
के बराबर अनुदान
प्रदान करता
है।
कर्मचारी
कल्याण
निधि के
सदस्यों से
वार्षिक
अंशदान
निम्नलिखित
तरीके से लिया
जाता है:-
पे बैंड |
अंशदान
|
पे
बैंड-एक पे
बैंड-दो पे
बैंड-तीन पे
बैंड-चार |
200/-
रुपए 300/-
रुपए 400/-
रुपए 500/-
रुपए |
एसबीएफ
नियमों के तहत
निम्नलिखित स्थितियों
में वित्तीय
सहायता
प्रदान की
जाती है:
● कर्मचारियों का
निधन
● कर्मचारियों
के आश्रित का
निधन
● कर्मचारियों
या आश्रितों
की बीमारी
● सेशनल /
कैजुअल
अटेंडेंट का निधन
● सेशनल /
कैजुअल
अटेंडेंट के
पति/पत्नी का
निधन
● सेशनल /
कैजुअल
अटेंडेंट या
उनके
आश्रितों की बीमारी
● खेल और
सांस्कृतिक
कार्यक्रमों
को बढ़ावा देने
के लिए
वित्तीय
प्रोत्साहन
का प्रावधान ।
सहायता
राशि का
निर्धारण
कर्मचारी कल्याण निधि की
प्रबंध समिति
द्वारा किया जाता है।
कर्मचारी
कल्याण
निधि से वित्तीय
सहायता
निम्नलिखित
तरीके से
प्रदान की जाती
है:-
प्रयोजन |
सहायता
राशि |
कर्मचारी
का निधन |
30,000/- रुपये |
कर्मचारी
के आश्रित का
निधन |
25,000/-रुपये |
कर्मचारी
के
स्वयं
बीमार होने या उसके
आश्रित के
बीमार होने
पर |
20,000/-रुपये |
सेशनल
/ कैजुअल
अटेंडेंट का
निधन |
30,000/-रुपये |
सेशनल /
कैजुअल
अटेंडेंट के
पति/पत्नी का
निधन |
25,000/-रुपये |
सेशनल /
कैजुअल
अटेंडेंट या
उनके
आश्रितों की बीमारी |
15000/-रुपये |
अंतर-मंत्रालयीय
टूर्नामेंट
में खेल और
सांस्कृतिक
कार्यक्रमों
को बढ़ावा देने
के लिए
वित्तीय
प्रोत्साहन
का प्रावधान * |
5000/- रुपये 4000/-
रुपये
(द्वितीय
पुरस्कार) 3000/-
रुपये (तृतीय
पुरस्कार) |
अखिल
भारतीय
टूर्नामेंट
में खेल और
सांस्कृतिक
कार्यक्रमों
को बढ़ावा
देने के लिए
वित्तीय
प्रोत्साहन
का प्रावधान * |
15000/- रुपये (प्रथम
पुरस्कार) 12000/- रुपये
(द्वितीय
पुरस्कार) 9000/-
रुपये (तृतीय
पुरस्कार) |
* नकद
पुरस्कार को
अखिल भारतीय
टूर्नामेंट
या अंतर-मंत्रालयीय
टूर्नामेंट के
लिए ही दिया
सकता
है ।
उपरोक्त के
अलावा, बिल
प्रस्तुत
करने
पर, तीन
साल में एक
बार वर्दी के
लिए वित्तीय
सहायता दी
जाती है
(ट्रैक सूट
हेतु: 2000/- रुपये
और खेल के
जूते हेतु: 1500/-
रुपये)।
इसके अलावा,
यदि
अधिकारी /
कर्मचारी
अन्य खेलों
में भाग लेते
हैं तो
इवेंट ड्रेस
के लिए 1000 / -
रुपये की राशि
मंजूर की
जाएगी
।
कर्मचारी
कल्याण
निधि से
अनुदान के लिए
आवेदन:
(i) कर्मचारी के निधन
के
मामले में:
संबंधित शाखा
से अग्रेषित नोट,
जिसमें
वित्तीय
सहायता
प्रदान करने
के अनुरोध के
साथ कर्मचारी
का नाम, निधन
की तिथि और कारण का उल्लेख
हो।
(ii)
कर्मचारी के
पति/पत्नी /
आश्रित के
निधन के मामले
में: कर्मचारी
द्वारा
पति/पत्नी /
आश्रित का नाम,
निधन की
तिथि और कारण
के साथ अनुदान
की आवश्यकता
के औचित्य का
उल्लेख करते
हुए आवेदन ।
(iii) कर्मचारी या
आश्रित की
बीमारी के मामले
में: कर्मचारी
द्वारा आवेदन
जिसमें
धनराशि के साथ
मामले का
विवरण और
अनुदान की
आवश्यकता के
औचित्य का उल्लेख हो । मूल बिल
भी प्रस्तुत
किए जाने
चाहिए ।
अनुकंपा
निधि
लोक
सभा सचिवालय
(अनुकंपा निधि
विनियमन) आदेश, 2001 में लोक सभा
सचिवालय की
अनुकंपा निधि
की स्थापना का
प्रावधान किया
गया है, जिसमें
वार्षिक
अनुदान के
माध्यम से
धनराशि
प्राप्त की जाएगी
और जिसके
लिए प्रति वर्ष
बजट प्रावधान
किया जाएगा। निधि को
एक स्थायी
समिति द्वारा
प्रशासित
किया जाएगा, जिसके अध्यक्ष
अपर
सचिव और
सदस्य दो
संयुक्त सचिव
होंगे । अध्यक्ष
और सदस्यों की
नियुक्ति
महासचिव
द्वारा की जाएगी। लोक सभा
सचिवालय का
कल्याण अधिकारी,
समिति के
सचिव के रूप
में कार्य
करेगा/करेगी,
जो समिति को
सचिवालय
सहायता भी
प्रदान करेगा/करेगी। जब कोई पद
रिक्त होगा तो
कल्याण अधिकारी
इस पद को भरने
के लिए
महासचिव को
प्रस्ताव
प्रस्तुत
करेगा/करेगी।
पात्रता:
इस निधि का
उद्देश्य
निम्नलिखित
को वित्तीय सहायता
प्रदान करना
है:
(क)
सेवा के दौरान
किसी अधिकारी
के निधन की
स्थिति में
उसके परिवार को।
(ख)
किसी अधिकारी को
जिसका उपचार अत्यधिक
आपातकालीन
परिस्थिति
में किसी
निजी/मान्यता
प्राप्त/रेफरल
अस्पताल में किया
जा रहा है।
(ग)
अन्य मामले, जिन्हें
उप-नियम (क) और (ख)
के तहत शामिल
नहीं किया गया
हो, को समिति
द्वारा
परिस्थितियों
और गुण दोष के आधार
पर लिया
जाएगा।
निधि
से अनुदान राशि प्रदान
करने
सम्बन्धी शर्तें-
(क) निधन
संबंधी मामले:
(i)
निधि
से कोई
पारिवारिक
पेंशन नहीं दी
जाएगी।
(ii) निधि से
दिया जाने
वाला अनुदान
उन मामलों तक
सीमित रहेगा
जिनमें मृतक के
परिवार
की आर्थिक स्थिति बहुत
खराब होने के
कारण उसका
परिवार अनुदान
प्राप्त
करने के लिए
विशेष
पात्रता रखता
है ।
(iii) कर्तव्य के
प्रति विशेष
निष्ठा के
प्रदर्शन के कारण मृत्यु
होने अथवा
इस वजह से समय से
पूर्व मृत्यु
होने पर
मृतक के
परिवार को
अनुदान दिया
जा सकता
है।
(iv) सामान्यतः
किसी सेवानिवृत्त
अधिकारी के परिवार
को इस कोष में से अनुदान
नहीं
दिया जाएगा । तथापि, जहां
किसी अधिकारी
की मृत्यु
सेवानिवृत्ति
के छह महीने
के भीतर होती
है या जहां
सेवानिवृत्त
अधिकारी पूरी
तरह से/स्थायी
रूप से निःशक्त
हो , ऐसे
मामले में समिति
द्वारा
अनुदान
प्रदान करने
पर विचार किया
जा सकता
है।
(v) विशिष्ट
मामलों में, उपयुक्त
राशि के आवर्ती
अनुदानों को
विशेष
ज़रूरतों के लिए सहायता
के रूप में एक सीमित
अवधि के लिए
मंजूरी दी
जाएगी, जैसे
बच्चों की शिक्षा
पर व्यय आदि
के लिए
सहायता। ये
आवर्ती
अनुदान ज़रुरत
के बने रहने, राशि के
उपयोग आदि की संपुष्टि के लिए समिति द्वारा यथा निर्धारित शर्तों के अधीन होंगे ।
(ख) चिकित्सीय
आकस्मिकता :
जब कोई अधिकारी या
उसके परिवार
का कोई आश्रित
सदस्य एक निजी
/ मान्यता
प्राप्त / रेफरल
अस्पताल में उपचार कराता है या वहां
भर्ती होता
है।
चिकित्सीय
आकस्मिकता के लिए
मान्य परिस्थितियाँ:
किसी निजी /
मान्यता
प्राप्त / रेफरल
अस्पताल में
उपचार के लिए चिकित्सीय
आकस्मिकता उसी स्थिति में मान्य
होगी
जिसमें अधिकारी या
उसके परिवार का
कोई आश्रित
सदस्य
ऎसी दुर्घटना
/ गंभीर
बीमारी से
ग्रस्त हो जिसमें उसके जीवन
की रक्षा के लिए
निजी /
मान्यता
प्राप्त /
रेफरल
अस्पताल से अधिक निकट कोई सरकारी
अस्पताल उपलब्ध न हो ।
अनुदान राशि:
(क) निधन
संबंधी मामले:
आवर्ती अनुदान :
समिति मामले
के यथोचित
आकलन के बाद आवर्ती
अनुदान प्रदान करने
के लिए
राशि
विनिर्दिष्ट
करेगी।
गैर-आवर्ती अनुदान
एक मुश्त
दिए जाने वाले अनुदान
के बारे
में समिति
द्वारा
प्रत्येक मामले पर
अलग से विचार
किया जाएगा।
तथापि, अनुदान
की राशि रु 50,000/-
से अधिक नहीं होगी।
(ख)
चिकित्सीय व्यय:
(i)
किसी अधिकारी
या उसके
परिवार के
किसी आश्रित
सदस्य की
चिकित्सीय आकस्मिकता के मामले
, जिन पर चिकित्सा
नियमों के तहत
सामान्य तौर
पर प्रशासन
विचार
करता है ,उन
पर आम
तौर पर इस
आदेश के तहत
प्रतिपूर्ति
के लिए समिति
द्वारा विचार नहीं
किया जाएगा
जब तक कि यह गंभीर
दुर्घटना /
बीमारी जैसे
दिल का दौरा,
ब्रेन
हेमरेज आदि का
मामला न हो।
(ii) किसी
अधिकारी या
उसके परिवार
के किसी आश्रित
सदस्य के
संबंध में
चिकित्सा संबंधी
प्रतिपूर्ति
का दावा
पहले सीएस
(एमए) /
सीजीएचएस
नियमों के तहत
निपटाया जाएगा। चिकित्सा पर खर्च
की गई राशि का
वह अंश जो प्रतिपूर्ति
के लिए सीएस (एमए) /
सीजीएचएस
नियमों के तहत शामिल नहीं
है, उसकी
प्रतिपूर्ति
पूर्ण रूप से
निधि में
से की
जाएगी ।
आवेदन
जमा करना
और स्वीकृति
की प्रक्रिया
:
अनुदान का आवेदन
निर्धारित
प्रपत्र में
कल्याण अधिकारी
को प्रस्तुत
किया जाएगा जो
आवेदन की बहुत
ध्यानपूर्वक जांच करेगा।
केवल ऐसे
मामले विचार
के लिए समिति
को भेजे
जाएंगे जिनके
बारे में वह
पूरी तरह
संतुष्ट है कि सहायता की
वास्तव में
आवश्यकता है । यथोचित विचार-विमर्श
के बाद, समिति अपनी
सिफारिशें
अनुमोदन और
स्वीकृति के
लिए महासचिव
को प्रस्तुत
करेगी। महासचिव
के अनुमोदन के
उपरांत , कल्याण
अधिकारी अनुशंसित
राशि की
वित्तीय
स्वीकृति वेतन और
लेखा अधिकारी,
लोक सभा को
भेजेगा और
इसकी प्रतिलिपि बीएंडपी
शाखा / पीए
(एनजीए) शाखा /
पीए (एमजी)
शाखा /
दावेदार को
भेजी जाएगी । समिति
द्वारा
अनुदान के
जिन
आवेदनों पर
विचार नहीं
किया जाता है,
उनके संबंध
में, दावेदार
को कल्याण
अधिकारी
द्वारा सूचित
किया जाएगा।
शिकायत
निवारण समिति
(जीआरसी)
लोक सभा
सचिवालय के
कर्मचारियों
की शिकायतों
पर विचार करने के लिए
संसदीय वेतन
समिति के दूसरे
प्रतिवेदन (2001) में
की गई
सिफारिशों के
आधार पर
एक शिकायत
निवारण समिति
का गठन किया
गया था। प्रशासन
शाखा- I ने 29 जून, 2005 और 21
अप्रैल, 2009 को क्रमश:
अनुदेश सं.1258 और 1299 जारी किए है
जिनमें इस
सम्बन्ध में
अपेक्षित प्रक्रिया
निर्धारित
की गई है ।
संरचना:
शिकायत
निवारण समिति (जीआरसी)
में अधिकारी पक्ष और
कर्मचारी
पक्ष के सदस्य
शामिल होंगे।
(i) अधिकारी पक्ष को
महासचिव
द्वारा
समय-समय पर
निम्नानुसार
नामित किया
जाएगा:
(क)
सचिव / अपर
सचिव में से अध्यक्ष
।
(ख) संयुक्त
सचिवों में से
दो सदस्य ।
(ii) कल्याण शाखा
के प्रभारी संयुक्त
सचिव पदेन
सदस्य सचिव
होंगे, जिन्हें
जीआरसी के एजेंडा में
मौजूद मद से
संबंधित
प्रभारी
प्रभागीय अधिकारी
(यों) द्वारा
सहायता प्रदान
की जाएगी।
(iii) स्टाफ की ओर
से लोक सभा
कर्मचारी संघ
के प्रेजिडेंट, महासचिव
और संबंधित सेवा
के प्रतिनिधि
शामिल होंगे।
अधिकार
क्षेत्र और
कार्य:
समिति
के अधिकार
क्षेत्र में
सचिवालय के
सेवारत
कर्मचारियों
की सेवा
शर्तों और
कल्याण से
संबंधित सभी
मामले शामिल
होंगे परंतु,
सचिवालय /
शाखाओं के
दिन-प्रतिदिन
के कामकाज से
जुड़े मामलों
पर विचार नहीं
किया जाएगा।
समिति संगत नियमों
/ आदेशों /
प्रक्रिया को
ध्यान में रखते
हुए एजेंडा
के मदों
पर
विचार-विमर्श
करेगी और
तत्पश्चात अपनी सिफारिशें महासचिव को
प्रस्तुत
करेगी , जिनकी
संबंधित
शाखा (ओं)
द्वारा जांच
की जाएगी और
सक्षम
प्राधिकारी
से यथोचित
आदेश प्राप्त
किए जाएंगे । संबंधित
शाखा(ओं)
द्वारा
प्राप्त
आदेशों को अभ्यावेदन
देने वाले
अधिकारी/कर्मचारी
को संप्रेषित
किया जाएगा।
यदि आवश्यक
हो तो, समिति
द्वारा
अभ्यावेदन
देने वाले
अधिकारी/कर्मचारी
को व्यक्तिगत
सुनवाई के लिए बुलाया जा
सकता है ।
जीआरसी
को सचिवालयी
सहायता नोडल
एजेंसी के रूप
में कल्याण
शाखा द्वारा
और जीआरसी
के एजेंडा के मद
से संबंधित
शाखा (ओं)
द्वारा
प्रदान की
जाएगी। अनुदेश
के पैरा 4 (i)
में यह
प्रावधान है
कि महासचिव
द्वारा
जीआरसी का गठन
/ पुन: गठन किए
जाने के बाद कल्याण शाखा अधिकारियों /
कर्मचारियों
की सूचना के
लिए एक
परिपत्र जारी
करेगी। कर्मचारी
अपने अभ्यावेदन
को अपने प्रभागीय
अधिकारी और
यदि अभ्यावेदन
प्रभागीय
अधिकारी और
उससे ऊपर के
स्तर के अधिकारियों
से संबंधित है
तो संबंधित
संयुक्त सचिव
/ अपर सचिव के
माध्यम से
कल्याण शाखा
में अग्रेषित
करेगा । बैठक
की तिथि, समय
और एजेंडा
सम्बन्धी
सूचना कल्याण
शाखा द्वारा
संबंधित
शाखाओं और प्रेजिडेंट , लोकसभा
कर्मचारी संघ
को दी जाएगी ।
मेधावी
छात्र
पुरस्कार
अखिल भारतीय
स्तर की
अभियांत्रिकी,
चिकित्सा
और कंप्यूटर
विज्ञान
संस्थाओं में
खुली
प्रतियोगी
परीक्षा के
माध्यम से
प्रवेश पाने
वाले लोक सभा
सचिवालय के अधिकारियों
और
कर्मचारियों
के बच्चों को
अभियांत्रिकी,
चिकित्सा
और कंप्यूटर
विज्ञान के
क्षेत्र में
प्रति वर्ष
मेधावी
छात्र
पुरस्कार
प्रदान किए
जाते हैं ।
पुरस्कार
विजेताओं का
चयन अनुवीक्षण समिति
द्वारा किया
जाता है । मेधावी
छात्र
पुरस्कार
विजेताओं को
गोल्ड प्लेटिंग
के साथ
स्टर्लिंग
सिल्वर के
मेडल सहित 10 हजार रुपए
का नकद
पुरस्कार भी
दिया जाता है।
सचिवालय
के
अधिकारियों/कर्मचारियों
के बच्चों,
जो उच्चतर
माध्यमिक
परीक्षा में
सर्वाधिक अंक प्राप्त
करते हैं,को
पुरस्कृत
करने के लिए 2006 से दो नए
मेधावी
छात्र
पुरस्कार
(बालक एवं
बालिका
अभ्यर्थी
प्रत्येक के
लिए एक-एक )
प्रदान करने
की शुरूआत की
गई थी ।
समूह 'ग' (ग्रुप
सी)
कर्मचारियों
के बच्चों के
लिए
छात्रवृत्ति
योजना:
माननीय लोक
सभा अध्यक्ष
और महासचिव की
पहल पर, सचिवालय
के समूह
‘ग’ (ग्रुप
सी) के
कर्मचारियों
के बच्चों को
छात्रवृत्ति
प्रदान करने
के लिए
एक नई योजना
शुरू की गई है
जिसके अंतर्गत
यह
छात्रवृत्ति
भारत सरकार
द्वारा मान्यताप्राप्त
संस्थाओं
/कॉलेजों में
निम्नलिखित
पाठ्यक्रमों
में से किसी
भी एक
पाठ्यक्रम
में उच्चतर अध्ययन
हेतु प्रवेश
पाने वाले ऐसे
छात्र को ही
प्रदान की
जाएगी जिसने
लिखित
प्रतियोगी
परीक्षा के
माध्यम से अपना
प्रवेश सुनिश्चित
किया हो:-
(1) आयुर्वेदिक
और
होम्योपैथिक
चिकित्सा
सहित चिकित्सा
में स्नातक की
उपाधि;
(2) अभियांत्रिकी(इंजीनियरिंग)
के किसी भी
विषय में
स्नातक की उपाधि;
(3) एम.बी.ए.
(4) वास्तुकला
इस योजना
के अंतर्गत
छात्रवृति के
लिए प्रत्येक
विधा में
एक-एक बच्चे
का चयन
किया जाता
है।
पाठ्यक्रम
के शिक्षण
शुल्क का पूरा
व्यय सचिवालय
द्वारा वहन
किया जाता है।
अधिकारी
मंच (ऑफिसर्स
फोरम) की बैठक
अधिकारी
मंच (
ऑफिसर्स फोरम)
की बैठक
सामान्यतया
प्रत्येक माह
के अंतिम
कार्य दिवस को
बुलाई जाती है
। महासचिव से
आदेश प्राप्त
करने
के पश्चात बैठक की
तिथि
निर्धारित की
जाती है।
उपसचिव तथा
समकक्ष स्तर
के
अधिकारियों
को अधिकारी मंच
के सदस्य के
रूप में
नामांकित
किया जाता है
जब तक कि
अन्यथा
निर्णय न लिया
जाए । सदस्यों
के वेतन से
प्रतिमाह 150 रुपये अथवा
मंच द्वारा
समय-समय पर
यथा निर्धारित
राशि की मासिक
कटौती की जाती
है। इस प्रकार
एकत्र की गई
राशि स्टाफ
ऑफिसर्स फोरम
के खाते में
जमा की जाती
है जिसका
संचालन
ऑफिसर्स फोरम
के सचिव
द्वारा किया
जाता है । इस
प्रकार संचित
निधि का उपयोग
अधिकारी मंच
की प्रत्येक
बैठक में
आयोजित मध्याह्न
भोजन पर किए
गए व्यय, सेवानिवृत्त
होने वाले
अधिकारियों
को बैठक के
दौरान दिए
जाने वाले
स्मृति
चिन्हों की खरीद
और अधिकारी
मंच की बैठक
में विदाई
समारोह के
दौरान लिए गए
चित्रों पर
किए गए व्यय
को पूरा करने
के लिए किया
जाता है । इस
तरह की बैठक
की कार्यसूची
तैयार की जाती
है जिसके
अंतर्गत
निम्नलिखित में
से कोई भी
अथवा सभी हो
सकते हैं:-
1. नए
सदस्य का
स्वागत
उस ग्रेड
में
नियुक्ति
होने
पर जिसमें वह
अधिकारी मंच
का सदस्य बनने
का पात्र हो
जाता/जाती है, उस
अधिकारी को
औपचारिक रूप
से मंच
का सदस्य स्वीकार
किया जाता है और
महासचिव द्वारा
मंच की
बैठक में उसका
स्वागत किया जाता
है ।
2. पदोन्नति
पर अभिनंदन
जब भी
मंच के
किसी सदस्य की
अगले उच्च पद
पर पदोन्नति होती है,
तो अधिकारी
मंच की
बैठक के दौरान
मंच की ओर से
महासचिव
द्वारा उस
सदस्य को सम्मानित
किया जाता है।
3. सेवानिवृत्त
हो रहे
अधिकारियों
का विदाई समारोह
जब भी
मंच का कोई
सदस्य
सेवानिवृत्त
होता है तो
उसे मंच की
बैठक के दौरान
महासचिव
द्वारा स्मृति
चिन्ह भेंट
किया जाता है।
इस अवसर पर उस सदस्य
को गुलदस्ता
भी भेंट किया
जाता है और
स्मृति चिन्ह, गुलदस्ता
भेंट करते समय
फोटोग्राफ
तथा ग्रुप
फोटोग्राफ भी लिए
जाते हैं ।
महासचिव मंच की
ओर से विदाई
भाषण भी देते
हैं।
सेवानिवृत्त
होने वाले
अधिकारियों
को विदाई
सेवानिवृत्त
होने वाले
अधिकारियों
को विदाई देने
के लिए महीने
के अंतिम
कार्य दिवस को
विदाई समारोह
का आयोजन किया
जाता है।
विदाई समारोह
के दौरान
सेवानिवृत्त
हो रहे
प्रत्येक अधिकारी
को स्मृति
चिन्ह,
शॉल, गुलदस्ता
और 11,000 रुपये
का गिफ्ट चेक
भेंट किया
जाता है।
वेलीडेशन
स्लिप्स /पास
लोक
सभा सचिवालय
के
अधिकारियों
के लिए मंत्रालयों
का दौरा करने
के लिए
गृह मंत्रालय
द्वारा
प्रतिवर्ष
सीमित संख्या
में वेलीडेशन
पास तैयार किए
जाते हैं। उन
कर्मचारियों, जिनके
पास पहले से
ही गृह
मंत्रालय की
वेलीडेशन
स्लिप हैं , से आवेदन प्राप्त
करने के लिए
दिसंबर में एक
परिपत्र जारी
किया जाता है । ये
पर्चियाँ गृह
मंत्रालय के
सुरक्षा
क्षेत्र में आने
वाले विभिन्न
भवनों में
प्रवेश की
सुविधा
प्रदान करने
और सरकारी
कर्तव्यों के
निर्वहन के
संबंध में उन
सरकारी भवनों
में बार-बार
जाने
वाले
कर्मचारियों को होने
वाली असुविधा
से बचाने के
लिए जारी की
जाती हैं।
ऑनलाइन
आवेदनों की
मुद्रित
प्रति प्राप्त
होने के
पश्चात शाखा
में
उनकी
प्रोसेसिंग
की जाती है और
अधिकारियों
के नाम तथा
पदनाम , पहचान
पत्र की
संख्या और
पिछली वेलीडेशन
स्लिप्स की
संख्या
दर्शाने वाली
एक विस्तृत
सूची मूल
आवेदन-पत्रों
के साथ गृह
मंत्रालय को
भेजी जाती है
। यह सारा
कार्य जनवरी
के अंत तक
पूरा हो जाता
है। इसके
पश्चात गृह
मंत्रालय से
प्राप्त वेलीडेशन
स्लिप्स को
सचिवालय के
संबंधित
अधिकारियों/कर्मचारियों
को रजिस्टर
में उनके
हस्ताक्षर
प्राप्त करने
के पश्चात
जारी कर दिया जाता है
जिसमें कर्मचारियों
और वेलीडेशन
स्लिप का
विवरण दिया
होता है।
सामान्य
शिकायतों को
अग्रेषित
करना
कल्याण शाखा
में लोक सभा
सचिवालय के अधिकारियों/कर्मचारियों
से नियमित रूप
से उनकी
व्यक्तिगत
समस्याओं से
जुड़ी शिकायतें
प्राप्त होती
रहती हैं। ऐसी
शिकायतें मिलने
पर उन्हें
उचित आदेश
हेतु सक्षम
प्राधिकारी
के समक्ष
प्रस्तुत
किया जाता है।
आदेश प्राप्त
होने के
पश्चात
शिकायत को
उचित कार्रवाई
और निराकरण
हेतु संबंधित
सिविल/पुलिस प्राधिकारियों
को अग्रेषित
किया जाता है।
फ़र्स्ट
ऐड बॉक्स
कल्याण
शाखा में फ़र्स्ट
ऐड बॉक्स रखा
जाता है।
बॉक्स में ऐसी
दवाएं होती
हैं जो
सामान्य बीमारियों
में रोग के
लक्षणों के
अनुसार राहत
पहुँचाती
हैं। फ़र्स्ट
ऐड बॉक्स में
रखी हुई दवाओं
की एक सूची
तैयार की जाती
है। एक
रजिस्टर भी
रखा जाता है
जिसमें
कल्याण शाखा
के पास उपलब्ध
स्टॉक का
दवा-वार
ब्योरा होता
है। लोक सभा
सचिवालय के
अधिकारी किसी
भी उपलब्ध
दवाई को ले
सकते हैं। एक
बार में 2
से अधिक
गोलियां नहीं दी
जाती। उस
कर्मचारी को
रजिस्टर में
अपने नाम और
हस्ताक्षर के
साथ उसके
द्वारा ली गई
गोलियों की
संख्या दर्ज
करनी होती है।
जब स्टॉक खत्म
होने वाला
होता है,
तब केंद्रीय
भंडार से
दवाइयाँ
खरीदने के लिए
सक्षम
प्राधिकारी
से 2,000 रुपये
की मंजूरी ली
जाती है।
दवाइयां
खरीदने के
पश्चात बिल का
निपटान बी एंड
पी शाखा के
माध्यम से किया
जाता है