सत्रहवीं लोकसभा
अल्प सूचना प्रश्नों के लिए प्रक्रिया

सूचना

1. नियम 54 एवं निदेश 18 अल्प सूचना प्रश्न पूछने एवं उत्तर देने के संबंध में अपनायी जानेवाली प्रक्रिया विहित करता है।

2. अल्प सूचना प्रश्न के लिए सूचना संसदीय सूचना कार्यालय में उपलब्ध विहित प्रपत्र में महासचिव को भेजी जानी चाहिए। अल्प सूचना पर प्रश्न पूछने के संक्षिप्त कारणों का उल्लेख प्रपत्र के समुचित स्थान पर अनिवार्य रूप से किया जाना चाहिए। ऐसे कारणों का जहां उल्लेख नहीं किया जाता है सूचना सदस्य को वापस कर दी जाती है1 सामान्य कथन, कि यह मामला 'व्यापक लोक महत्व' या 'लोकहित' का है, इस उद्देश्य हेतु समुचित नहीं माना जाता है।

3. सदस्य का नाम हस्ताक्षर के नीचे बड़े अक्षरों में लिखा जाना चाहिए। सदस्य की विभाजन संख्या बताई जानी चाहिए। सदस्य की हस्ताक्षर के मोहर वाले प्रश्न को अहस्ताक्षरित सूचना माना जाता है। अल्प सूचना प्रश्न की अहस्ताक्षरित सूचना स्वीकार नहीं की जाती है और सदस्य को लौटा दी जाती है। हस्तलिखित अस्पष्ट प्रश्न को सदस्य को वापस लौटा दिया जाएगा।

4. यदि किसी सूचना पर एक से अधिक सदस्य के हस्ताक्षर होते हैं तो इसे सिर्फ प्रथम हस्ताक्षरकर्ता सदस्य द्वारा दिया गया माना जाएगा। इसलिए प्रश्न की प्रत्येक सूचना पर केवल एक सदस्य के हस्ताक्षर किए जाएँ।

5. सदस्यों को अल्प सूचना प्रश्न की एक सी सूचनाएं नहीं देनी चाहिए। विभिन्न सदस्यों से अल्प सूचना प्रश्न की एक सी सूचना प्राप्त होने की स्थिति में केवल एक सदस्य जिस नाम से प्रश्न ग्राह्य हुआ तो पूछा जाएगा के निर्धारण के लिए बैलट किया जाता है, अन्य ऐसी सूचनाएँ, जिन्हें बैलेट में प्राथमिकता नहीं प्राप्त होती है अस्वीकृत मान ली जाती हैं। उसी प्रकार किसी अन्य मिलती-जुलती सूचना, जो बाद में प्राप्त होती है, को अस्वीकृत माना जाता है।

ग्राह्यता

6. सामान्य प्रश्नों के लिए प्रपत्र एवं विषय-वस्तु से संबंधित नियमों के अध्यधीन होने के अलावा अल्प सूचना प्रश्न की ग्राह्यता दो अतिरिक्त मानदंड़ों पर निर्णीत की जाती है:- इसकी विषय-वस्तु अविलंबनीय अवश्य होनी चाहिए तथा संबंधित मंत्री को इसका उत्तर देने के लिए सहमत होना चाहिए। इसलिए अल्प सूचना प्रश्न का उत्तर देने हेतु संबंधित मंत्री के सहमत होने के बाद भी यदि अध्यक्ष का यह मत है कि प्रश्न अविलंबनीय प्रकृति का नहीं है, तो उस प्रश्न को "अल्प सूचना प्रश्न " के रूप में गृहीत नहीं किया जा सकता।

7. किसी सत्र की अवधि 10 दिन से कम रह जाने के कारण सामान्य सूचना देने में किसी सदस्य की असामर्थ्यव अल्प सूचना प्रश्न को पटल पर रखने के लिए वैध कारण नहीं हो सकती। उसी प्रकार यदि अल्प सूचना प्रश्न की सूचना किसी सत्र के प्रारंभ के इतने दिन पहले दी जाती है कि यह 10 दिन की समाप्ति के एक दिन पहले नहीं है, तो ऐसे प्रश्न को सामान्य प्रश्न माना जाता है।

8. जहाँ आवश्यक हो, वहां संबंधित मंत्री से उन तथ्यों को प्रस्तुत करने का अनुरोध किया जा सकता है, जिसके आधार पर अध्यक्ष अल्प सूचना प्रश्न की ग्राह्यता के बारे में निर्णय ले पाने में समर्थ हो सकें।

9. जब अध्यक्ष संतुष्ट हैं कि अल्प सूचना प्रश्न की विषय वस्तु अविलंबनीय है तो संबंधित मंत्री से यह पूछा जाता है कि क्या वह इसका उत्तर देने की स्थिति में है। यदि मंत्री सहमत होता है तो उसकी तथा सदस्य की सुविधा से कोई तिथि उत्तर हेतु निर्धारित की जाती है। मंत्री एवं संबंधित सदस्य द्वारा सहमत तिथि के लिए कार्य-सूची में प्रविष्टि की जाती है। ग्राह्य अल्प सूचना प्रश्न के पाठ को तारांकित एवं अतारांकित प्रश्नों की सूचियों से भिन्न दर्शाने के लिए हल्के गुलाबी कागज पर भिन्न सूची मे मुद्रित किया जाता है। इसे इसके उत्तर की तिथि के दो दिन से अधिक पहले सदस्यों को नहीं दिया जाता है।

10. जब दो या अधिक सदस्य एक ही विषय पर अल्प सूचना प्रश्न देते हैं और उनमें से एक को ग्रहीत किया जाता है तो चार सदस्यों से अनधिक के नाम ही इसके साथ जोड़े जाते हैं। जब सदस्यों की संख्या चार से अधिक हो जाती है तो उन सदस्यों के चयन के लिए बैलेट किया जाता है जिनके नाम उस स्थिति में जोड़े जाते हैं।

11. यदि किसी सदस्य को किसी दूसरे सदस्य के प्रश्न के साथ या प्रश्न की विषय-वस्तु और प्ररूप के साथ नाम जोड़े जाने पर कोई आपत्ति है तो ऐसी स्थिति में उसे मुद्रित सूची की प्राप्ति पर तुंत महासचिव को सूचित करना चाहिए ताकि शुद्धि-पत्र जारी करने आदि सहित आवश्यक कार्रवाई समय पर की जा सके।

12. यदि मंत्री अल्प सूचना प्रश्न का उत्तर देने पर सहमत नहीं होता है और अध्यक्ष यह निर्णय करता है कि इसकी विषय-वस्तु सभा में मौखिक उत्तर देने के लिए पर्याप्त लोक महत्व की है तो वह निदेश दे सकता है कि इस प्रश्न को उस दिन के लिए तारांकित प्रश्नों की सूची के पहले प्रश्न के रूप में रखा जाए जिस दिन इसका सामान्य स्थिति में उत्तर दिया जाना हो।

13. जब किसी सदस्य के अल्प सूचना प्रश्न को अध्यक्ष द्वारा तारांकित प्रश्नों की सूची में पहले प्रश्न के रूप में रखे जाने वाले तारांकित प्रश्न के रूप में गृहीत किया जाता है, उसके अन्य तारांकित प्रश्न, यदि सूची में पहले ही शामिल है, का लोप कर दिया जाएगा।

अल्प सूचना प्रश्न का उत्तर

14. सामान्यतः किसी दिन के लिए एक अल्प सूचना प्रश्न रखा जाता है। प्रश्न काल के पश्चात अथवा यदि प्रश्न काल नहीं है तो जैसे ही लोक सभा की बैठक आरंभ होती है कार्य सूची के औपचारिक कार्य यदि कोई है, के पूरा होने के पश्चात् अध्यक्ष महोदय सदस्य से अल्प सूचना प्रश्न पूछने और मंत्री को उसका उत्तर देने के लिए कहते हैं। यदि प्रथम सदस्य अनुपस्थित है, अध्यक्ष महोदय सूची में शामिल अगले सदस्य का नाम पुकारते हैं और यदि कोई भी सदस्य जिनके नाम का उल्लेख अल्प सूचना प्रश्न में किया गया है, उपस्थित नहीं है और उनकी ओर से किसी भी सदस्य को अधिकृत नहीं किया गया है तो अध्यक्ष महोदय उत्तर को सभा पटल पर रखने का निदेश देते हैं। तथापि, यदि मंत्री अल्प सूचना प्रश्न का उत्तर इस आधार पर देना चाहते हैं कि वह लोक महत्व का विषय है तो अध्यक्ष महोदय मंत्री से प्रश्न को पढ़ने तथा उसका उत्तर देने की अनुमति दे सकते हैं।

15. अल्प सूचना प्रश्नों के उत्तर की प्रतियां, जिस दिन के लिए अल्प सूचना प्रश्न उत्तर देने के लिए प्रस्तुत किया जाता है, उस दिन प्रश्न काल के आरंभ होने से आधे घंटे पूर्व सदस्यों के संदर्भ हेतु संसदीय सूचना कार्यालय तथा साथ ही लोक सभा कक्ष की बाहरी लॉबी में रखी जाती हैं। उत्तर की विषय वस्तु को गोपनीय माना जाना चाहिए और जब तक सभा में प्रश्न पूछा नहीं जाता और उसका उत्तर नहीं दिया जाता, तब तक प्रकाशन हेतु जारी नहीं किया जाता। अग्रिम स्थिति में उपलब्ध कराए गए उत्तर को अनंतिम माना जाना चाहिए और मंत्री द्वारा अल्प सूचना प्रश्न के वास्तविक रूप से दिए गए उत्तर को सुधारों के साथ अंतिम माना जाता है।

16. सदस्य जिसके नाम से अल्प सूचना प्रश्न है (प्रथम नाम) केवल दो पूरक प्रश्न पूछ सकते हैं और यदि सभापति अनुमति दे तो अन्य सदस्य एक-एक पूरक प्रश्न पूछ सकते हैं।

17. किसी विशेष दिन यदि लोक सभा सामान्य कार्य निपटाए बिना स्थगित हो जाती हैं,तो उस दिन के लिए गृहीत अल्प सूचना प्रश्न स्थगित नहीं होते हैं बल्कि उन्‍हें लोक सभा की अगली बैठक में सभा पटल पर रखा माना जाता है और उस दिन के वाद-विवाद में प्रकाशित किया जाता है।

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