लोक सभा के सत्र की बैठकों के लिए तिथियों का निर्धारण करने के तुंत बाद, भारत सरकार
के विभिन्न मंत्रालयों से संबंधित प्रश्नों का उत्तर देने के लिए उपलब्ध दिनों का नियतन
किया जाता है।
इस प्रयोजनार्थ विभिन्न मंत्रालयों को क,ख,ग,घ और ङ पाँच समूहों में विभाजित किया जाता
है और प्रश्नों के उत्तर देने के लिए मंत्रालयों के विभिन्न समूहों को क्रमशः सोमवार,
मंगलवार, बुधवार, गुरुवार, तथा शुक्रवार के निर्धारित दिन नियत किए जाते है। यदि शनिवार
के लिए बैठक निर्धारित की जाती है तो उस दिन प्रश्न काल नहीं होता है। साथ ही, जिस
दिन भारत के राष्ट्रपति दोनों सभाओं की एक साथ समवेत बैठक को संबोधित करते हैं, उस
दिन, अथवा यदि सत्रावधि का विस्तार बैठकों के लिए निर्धारित कार्यक्रम से अधिक समय
तक के लिए किया जाता है, उस स्थिति में भी कोई प्रश्न काल नहीं होगा जब तक कि प्रश्नों
के नोटिस देने की पंद्रह दिनों की स्पष्ट अवधि की शर्त पूरी नहीं की जाती है। प्रश्नों
का उत्तर देने के लिए मंत्रालयों को इस प्रकार समूहबद्ध किया है कि प्रत्येक मंत्री
के लिए लोक सभा में प्रश्नों के उत्तर देने के लिए एक सप्ताह में एक ही दिन निर्धारित
हो तथा राज्य सभा में प्रश्नों के उत्तर देने के उनके समवर्ती दिनों से यह निर्धारित
दिन मेल न खाएं। उपरोक्त पाँच दिनों में किसी दिन किसी अवकाश के कारण यदि सभा की बैठक
नहीं होती है तो दिन के लिए निर्धारित मंत्रालयों के समूह से संबंधित प्रश्नों को उस
सप्ताह के दौरान उत्तर के लिए नियत नहीं किया जाता है।
ग्राह्य तारांकित और अतारांकित प्रश्नों की अलग-अलग प्रश्न सूचियाँ तैयार की जाती हैं।
माननीय अध्यक्ष के आदेशानुसार ग्राह्य प्रश्नों को बैलट में प्राप्त प्राथमिकता के
क्रम में, उस दिन की प्रश्न सूची में मौखिक अथवा लिखित उत्तरों के लिए, जैसा भी मामला
हो रखा जाता है। एक बैठक के लिए एक सदस्य के नाम से पाँच से अधिक प्रश्न ग्राह्य नहीं किए जाते है जिनमें से एक से अधिक प्रश्न मौखिक उत्तर हेतु ग्राह्य नहीं किया जाता है। वे ग्राह्य
प्रश्न जिनके लिए मूल रूप से अतारांकित प्रश्न के रूप में नोटिस किए गए उनके लिए प्रथम
चरण में अतारांकित प्रश्नों की सूची संकलित करते हुए सदस्य, जिनके प्रश्नों को पहले
ही तारांकित प्रश्नों की सूची में शामिल कर लिया गया है, उन्हें छोड़कर प्रत्येक सदस्य
के एक प्रश्न को बैलट में प्राप्त पारस्परिक प्राथमिकता के आधार पर सूची में रखा जाता
है। तत्पश्चात् ग्रहीत प्रश्नों में से जिनके मूल नोटिस मौखिक उत्तर हेतु दिए गए थे,
परंतु जिन्हें तारांकित सूची में शामिल नहीं किया जा सका, प्रत्येक सदस्य के एक प्रश्न
को सूची में सम्मिलित किया जाता है सिवाय उन सदस्यों के जिनके मूल अतारांकित प्रश्नों
को उस दिन के अतारांकित प्रश्नों सूची में पहले ही शामिल कर लिया गया है। यदि आवश्यक
हो, तो उत्तरवर्ती राऊँडिग की जा सकती है जो कि दो सौ तीस प्रश्नों की समग्र सीमा के
अध्यधीन होगी। प्रत्येक प्रश्न को एक क्रम संख्या दी जाती है किसी एक दिन में मौखिक
उत्तर के लिए प्रश्नों की सूची में सामान्य्तः अधिकतम बीस से अधिक प्रश्न नहीं रखे
जाते हैं और लिखित उत्तर हेतु प्रश्नों की सूची में दो सौ तीस से अधिक प्रश्न नहीं
रखे जाते हैं। मंत्रालयों को प्रश्न पूछे जाने हेतु नियत तिथि से कम से कम 5 दिन पहले
अंतिम रूप से ग्राह्य प्रश्नों की सूचियाँ भेजी जाती है।