उन्होंने सभा के कार्यों के सुचारू संचालन हेतु सुपरिभाषित नियम, विनियम, पद्धतियां और प्रक्रियाएं निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनका सदस्यों के अधिकारों और विशेषाधिकारों की दृढ़ता से रक्षा करना बड़ा प्रशंसनीय उदाहरण है। वह 1928 में लेजिस्लेटिव असेम्बली के लिए सरकार से स्वतंत्र और असम्बद्ध एक अलग कार्यालय सृजित करने में सफल रहे।
श्री सी. एन. रो द्वारा बनाए गए विट्ठलभाई जे. पटेल का चित्र 8 मार्च 1948 को भारत की संविधान सभा (विधायी) के समक्ष प्रदर्शित किया गया। यह लोक सभा कक्ष में शोभायमान है।
यह चित्र श्री मेहर चन्द खन्ना द्वारा श्री बम्बावाला की ओर से भेंट किया गया था।