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ज्ञानपीठ

संसदीय ज्ञानपीठ, जो कि भारत में पुस्तकों के सबसे बड़े भंडारों में से एक है, की स्थापना वर्ष 1921 में भारत की विधायिका के सदस्यों की सहायता के लिए की गई थी। यह दिल्ली का सबसे बड़ा और भारत में नेशनल लाइब्रेरी के बाद दूसरा सबसे बड़ा ज्ञानपीठ है। विभागीय रिपोर्टों, विधायिका की कार्यवाहियों, संविधियों आदि प्रकाशनों के छोटे से संग्रह के साथ वर्ष 1921 में तत्कालीन केन्द्रीय विधान सभा के सदस्यों के लिए पहली बार एक छोटे से कामचलाऊ ज्ञानपीठ की स्थापना की गई थी। सदस्यों द्वारा मांग करने पर तत्कालीन विधायी विभाग (लेजिस्लेटिव डिपार्टमेंट) तथा इंपीरियल सेक्रेटेरिएट के ज्ञानपीठ से पुस्तकें तथा अन्य महत्वपूर्ण प्रकाशन उधार लिए जाते थे। यह ज्ञानपीठ कई वर्षों तक इसी प्रकार छोटे स्तर पर सदस्यों की सेवा करता रहा।

इतिहास

इस साइट तैयार की है और प्रदान की जाती हैं राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र सामग्री द्वारा होस्ट की है और लोक सभा सचिवालय द्वारा अद्यतन
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