लोक सभा वाद-विवाद के तीन संस्करण तैयार किए जाते हैं, अर्थात् हिन्दी संस्करण, अंग्रेजी संस्करण और मूल संस्करण। तीनों संस्करणों में से केवल दो संस्करण अर्थात् हिन्दी और अंग्रेजी संस्करण ही मुद्रित किए जाते हैं और संसद सदस्यों और अन्य लोगों को इनका वितरण किया जाता है। मूल संस्करण की भली-भाँति जिल्द चढ़ाकर केवल अभिलेख और संदर्भ के लिए संसदीय ग्रंथालय में रखा जाता है।
मूल संस्करण में सभा में वस्तुत: अंग्रेजी और हिन्दी में हुई कार्यवाही का वृत्तान्त होगा। इसमें क्षेत्रीय भाषाओं में दिए गए भाषणों का अंग्रेजी/हिन्दी अनुवाद भी होगा।
हिन्दी संस्करण में हिन्दी में पूछे गए सभी प्रश्न तथा हिन्दी में दिए गए उनके उत्तर और हिन्दी में दिए भाषण मूल रूप में होते हैं एवं अंग्रेजी में पूछे गए सभी प्रश्नों तथा अंग्रेजी में दिए गए उनके उत्तरों और अंग्रेजी अथवा किसी क्षेत्रीय भाषा में दिए गए भाषणों आदि का हिन्दी में शब्दश: अनुवाद प्रकाशित होगा। प्रश्नों पर उर्दू में पूछे गए अनुपूरक प्रश्न अथवा उर्दू में किए गए भाषण वाद-विवाद के हिन्दी संस्करण में देवनागरी लिपि में प्रकाशित किए जाएंगे।
अंग्रेजी संस्करण में अंग्रेजी में लोक सभा की कार्यवाही का वृत्तान्त और हिन्दी अथवा किसी भी क्षेत्रीय भाषा में हुई कार्यवाही का अंग्रेजी अनुवाद होगा।