प्रतिलिप्यधिकार
सभी प्रतिलिप्यधिकार लोक सभा सचिवालय के पास सुरक्षित हैं। सूचीबद्ध सामग्री को गैर-वाणिज्यिक अनुसंधान, निजी अध्ययन और आलोचना, समीक्षा और न्यूज़-रिपोर्टिंग के प्रयोजनों के लिए औपचारिक अनुमति के बिना पुन: प्रकाशित किया जा सकता है। बशर्ते कि सामग्री को समुचित रूप से तैयार किया गया हो। सामग्री के अन्य किसी पुन: उपयोग हेतु के लिए आपको हमें पत्र भेजकर अनुमति प्राप्त करनी होगी। प्रतिलिप्यधिकार अधिनियम (1957 का संख्यांक 14) की धारा 2 (ट) के अंतर्गत वाद-विवाद और सहायक प्रकाशनों की किसी सामग्री को पुन: प्रकाशित करने का अधिकार लोकसभा सचिवालय के पास विहित है। लोकसभा वाद-विवाद की किसी सामग्री को पुन: प्रकाशित करवाने के इच्छुक सदस्य को पुन: प्रकाशित किए जाने वाले पाठ का विशेष ब्यौरा देतेहुए अध्यक्ष महोदय से औपचारिक अनुमति लेने की आवश्यकता है। प्रतिलिप्यधिकार संबंधी मामलों की जाँच संपादन शाखा द्वारा की जाती है।